एक दिवसीय यात्रा कार्यक्रम
क्या देखें: यह बहुत अच्छा विचार होगा कि आप अपना दिन राजपथ के उल्लेखनीय स्थलों की सैर से आरंभ कर सकते हैं। लुटियन की दिल्ली के नगर-दुर्ग, राष्ट्रपति भवन से इसकी शुरुआत करें। 330 एकड़ में फैला यह भवन, विख्यात आर्किटेक्ट लुटियन द्वारा डिजाइन किया गया था, जिसका उपयोग ब्रिटिश शासन के दौरान भारतीय वायसराय के निवास के रूप में किया जाता था। अब यह भारत के प्रथम नागरिक - राष्ट्रपति का अधिकारिक निवास है। आप राष्ट्रपति भवन के निकट शांत सी सड़क चर्च लेन पर स्थित केथेड्रल चर्च भी देख सकते हैं। आप मेट्रो की लाइन नं. 2 से केंद्रीय सचिवालय पहुंचकर पैदल ही राष्ट्रपति भवन जा सकते हैं। इसके बाद आपका अगला गंतव्य संसद भवन हो सकता है, जो भारत में कानून निर्माण का सर्वोच्च स्थल है। यहां भी पैदल पहुंचा जा सकता है।
किन्तु याद रखें कि दर्शक इस भवन में विशेष अनुमति के साथ ही प्रवेश कर सकते हैं। राजपथ जैसी सड़कों की निर्माण संबंधी सुंदरता को निहारते हुए आप राष्ट्रीय संग्रहालय जा सकते हैं - भारत के इस सबसे बड़े संग्रहालय के लिए आप पैदल अथवा आटो-रिक्शा द्वारा जा सकते हैं।
यह लगभग 2 कि.मी. दूर है। जयपुर हाउस स्थित नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट में कला की दुनिया की यात्रा करना, आपका अगला पड़ाव हो सकता है। यहां आप पुनः राजपथ से होते हुए बरास्ता इंडिया गेट पैदल अथवा आटो-रिक्शा द्वारा जा सकते हैं। यह लगभग 2 कि.मी. दूर है। इस गैलरी में 150 से अधिक वर्षों के दौरान बदलती भारतीय कला के रूपों को प्रदर्शित किया गया है। नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट के सामने खड़े होकर आप इंडिया गेट देख सकते हैं, इस 42 मीटर ऊंचे स्मारक का निर्माण वर्ष 1919 में प्रथम विश्व युद्ध और अफगान युद्ध में मारे गए भारतीय और ब्रिटिश सैनिकों की स्मृति में कराया गया था।
इंडिया गेट से लगभग 4 कि.मी. दूर स्थित है, तीन मूर्ति भवन, जो भारत के प्रथम प्रधानमंत्री स्व. पंडित जवाहरलाल नेहरु का अधिकारिक आवास था। आप यहां स्थानीय बस अथवा आटो-रिक्शा द्वारा जा सकते हैं। यहां से आप इंदिरा गांधी स्मारक संग्रहालय जा सकते हैं जहां उनकी व्यक्तिगत इस्तेमाल की गई वस्तुएं और अन्य संबंधित चीजें रखी गई हैं।
भरपेट लंच के लिए कनॉट प्लेस जाने से पहले थोड़ा विश्राम कर लें। आप यहां
स्थानीय बस अथवा आटो-रिक्शा/टैक्सी द्वारा पहुंच सकते हैं।
क्या खाएं: कनॉट प्लेस विशेषज्ञ और विविध-व्यंजनों वाले रेस्तराओं और फास्ट-फूड ज्वाइंट्स का एक हब है। आपको किसी भी बजट और सुविधानुसार खाने-पीने के अच्छे स्थान मिल सकते हैं।
खरीदारी: कनॉट प्लेस में रहकर आप खरीदारी कर सकते हैं। आप चाहें तो ब्रांडेड स्टफ खरीद सकते हैं अथवा बाबा खड़क सिंह मार्ग स्थित सेंट्रल कॉटेज इंडस्ट्री से सुविनियर खरीद सकते हैं। सस्ता सामान चाहने वाले जनपथ से खरीदारी कर सकते हैं।
क्या देखें: पुरानी दिल्ली की गलियों में इतिहास की जानकारी के साथ अपनी शाम को यादगार बनाएं। राजीव चौक से चांदनी चौक, जो लगभग 5 कि.मी. की दूरी पर है, मेट्रो रेल द्वारा पहुंच सकते हैं। इस क्षेत्र में घूमने के लिए साइकिल-रिक्शा अथवा पैदल सबसे अच्छा तरीका है। शुरुआत जामा मस्जिद से करें, जो भारत की सबसे बड़ी मस्जिद है। यहां से आप, दिगंबर जैन मंदिर और इसके भीतर स्थित पक्षियों के अस्पताल को देखने जा सकते हैं। इसके बाद गौरी शंकर मंदिर, भगीरथ पैलेस, सेंट्रल बैपटिस्ट चर्च, गुरुद्वारा सीसगंज, सुनहरी मस्जिद, फतेहपुरी मस्जिद, खरा बावली और छुन्नामल की हवेली का भर्मण कर सकते हैं।
लाल किला
भारतीय गणतंत्र की शान दिखाने वाला लाल किला देखकर आप अपनी यात्रा समाप्त
कर सकते हैं। यह दिल्ली में मुगल स्थापत्यकला का सबसे सुंदर उदाहरण है।
किले को पूरी तरह से देखने के लिए कम से कम दो घंटे का समय लगेगा। अतः
तदनुसार योजना बनाएं।
इसके बाद सायंकाल में यहां आयोजित होने वाली "साउंड एंड लाइट शो" में अवश्य शामिल हों, जिसमें आपको इतिहास के महत्वपूर्ण पहलुओं की जानकारी मिलेगी।
क्या खाएं: भ्रमण के बाद, आप खाने-पीने के लिए अल्पाहार अथवा थोड़ा पहले डिनर लेने हेतु चांदनी चौक जा सकते हैं। मुंह में पानी लाने वाले प्रसिद्ध व्यंजनों - चाट, छोले-भटूरे, परांठा - जहां इसके लिए विशेष बनी परांठे वाली गली भी है, जहां लोकप्रिय डीप-फ्राई किए गए, लज़ीज़ परांठे मिलते हैं। यहां आपको शहर की सर्वश्रेष्ठ लस्सी भी पीने को मिलेगी। और क्या हम मिष्ठानों का उल्लेख करना भूल गए हैं? यहां की जलेबी, सोहन हलवा और पिन्नी का स्वाद लें। और यदि आपको स्ट्रीट फूड नहीं भाता, तो यहां रेस्तरां और फास्ट-फूड आउटलेट्स भी हैं।
खरीदारी: चांदनी चौक पुराने शहर का मशहूर बाज़ार है, जो इस समय दिल्ली की थोक मार्किट है। आप इस बाज़ार से कई चीजें खरीद सकते हैं।
कनॉट प्लेस में घूमते हुए, यदि आपके पास समय और
एनर्जी बचती है, तो पटेल चौक मेट्रो स्टेशन से थोड़ी दूर स्थित जंतर मंतर देख
लें, जो दुनिया की प्राचीनतम खगोलीय वेधशाला है। जंतर मंतर से थोड़ी दूरी पर,
हेली रोड पर, माल्टा के दूतावास के ठीक पहले 14वीं शताब्दी में निर्मित
अग्रसेन की बावली है। यहां से आप गोल डाकखाना के निकट केथेड्रल ऑफ सेक्रेड
हार्ट जा सकते हैं। इसके पीछे ही बंगला साहिब गुरुद्वारा है, जो सिखों का एक
धार्मिक स्थल है। इसके साथ ही, गोल मार्किट के समीप बिरला मंदिर है, जिसे
लक्ष्मीनारायण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।