वेलनेस और स्पॉ
आयुर्वेद विज्ञान की एक पारंपरिक शाखा है जिसका उद्गम हज़ारों वर्ष पहले भारत में हुआ था। आयुर्वेद के अध्ययन को आठ भागों में विभक्त किया जा सकता है यथा काया, बल, ग्रह, उर्ध्वा, शाल्य, धनस्त्र, जरा और वृषण। यह माना जाता है कि प्रत्येक मनुष्य में दोष होते हैं जो शरीर की संरचना और तत्वों तो नियमित करते हैं और उन्हें निर्देश देते हैं। दोष की समझ भारत में आयुर्वेद के अध्ययन को आधार प्रदान करती है। अक्सर एक वैकल्पिक औषधि माने जाने वाले आयुर्वेद को भारत में एक चिकित्सा प्रणाली से कहीं अधिक माना जाता है, यह जीवन का विज्ञान है। यह मस्तिष्क और शरीर के बीच एक सामंजस्य बनाने में मनुष्य की सहायता करता है। आयुर्वेदिक औषधियां जड़ी-बूटियां, खनिज, धातु और एनिमल ओरिजन से प्राप्त अवयवों से बनाई जाती हैं। आयुर्वेद की उपचार विधियां वास्तव में स्फूर्तिदायक अनुभव देती हैं।
यूनानी एक प्रचलित वैकल्पिक औषधि है।
आयुर्वेद की भांति, यूनानी भी
मनुष्य के शरीर में मौजूद मूलभूत तत्वों पर आधारित है। एक विश्वास के अनुसार,
ये तत्व विभिन्न द्रव्यों के रूप में मौजूद होते हैं और उनका असंतुलन बीमारी
को दावत देता है। अधिकांश औषधियां जड़ी-बूटियों और शाद्य-पदार्थों से बनती
हैं। अधिकांश यूनानी औषधियां शहद आधारित होती हैं।
शहद को उपचारात्मक तत्वों से भरपूर माना जाता है।
माना जाता है कि प्राकृतिक चिकित्सा (नेचुरोपैथी)
द्वारा बीमारियों के उपचार में प्राकृतिक तत्वों जैसे सूर्य की किरणों, जल,
वायु और प्राकृतिक जड़ी-बूटियों द्वारा, जिसमें प्राकृतिक आहार को शामिल किया
जाता है, का उपयोग किया जाता है। यह भी माना जाता है कि नेचुरोपैथी
से सर्वाधिक जटिल प्रकृति की बीमारियों का प्रभावी इलाज किया जा सकता है।
नेचुरोपैथी की सफलता विज्ञान और शरीर के स्व-उपचारी
तत्वों पर आधारित है।
होम्योपैथी एक वैकल्पिक औषधि है, माना
जाता है कि इसमें घुलनशील तत्वों के द्वारा मरीजों का इलाज किया जाता है।
होम्योपैथी के डाक्टरों द्वारा यह माना जाता है कि
किसी उपचार की थेरेपैथिक योग्यता औषधि को निरंतर हिलाकर उसकी घुलनशीलता
द्वारा बढ़ाई जा सकती है। भौतिकी और रसायन विज्ञान के नियमों का विरोध करती, होम्योपैथी
का विश्वास है कि किसी औषधि की ताकत उसे घुलनशील बनाकर बढ़ाई जा सकती है,
क्योंकि इससे औषिधिय गुण बढ़ जाते हैं। होम्योपैथिक
औषिधियां जड़ी-बूटियों, गैर-बायोलॉजिकल तत्वों जैसे नमक, एनिमल मैटर जैसे
डक-लीवर और ह्यूमन ऑरिजन नॉजोड्स जैसे तत्वों से बनाई जाती हैं।
योग और ध्यान विभिन्न बीमारियों, चाहे वे
शारीरिक हों या मानसिक, के उपचार की वैकल्पिक प्रक्रियाएं हैं।
योग को सबसे प्राचीन उपचार माना जाता है जो कई जटिल
बीमारियों को ठीक करता है। ऐसा इतिहास में सिद्ध हो चुका है कि योग और ध्यान
के नियमित अभ्यास से, एक उग्र और थका हुआ मस्तिष्क
आरामदायक स्थिति में चला जाता है और उसके शानदार परिणाम होते हैं।
दिल्ली स्थित सर्वश्रेष्ठ वेलनेस और स्पॉ: